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Cricket rules in hindi – क्रिकेट के नियम जाने हिन्दी में
क्रिकेट खेल का जन्मदाता इंग्लैण्ड को माना जाता है, परन्तु कुछ इतिहासकार इसका जन्मस्थल फ्रांस को मानते हैं। 12वीं तथा 13वीं शताब्दी में इस खेल का प्रचलन इंग्लैण्ड में ही था। यह बहुत प्राचीन खेल है, हो सकता है अति प्राचीनकाल में इसका प्रचलन फ्रांस में रहा हो। जब 12वीं तथा 13वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड में इसका प्रचलन था, उस समय अन्य किसी देश में इसका प्रचलन नहीं था। अत: इंग्लैण्ड को ही इसका जन्मस्थल मानना उचित होगा।
यह खेल दो दलों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक दल में 11-11 खिलाड़ी होते हैं। फील्ड की सजावट मुख्यतः गेंदबाज के हाथों में रहती है। इसमें 1 विकिट कीपर, 3 स्लिप्स, 3 प्वाइण्ट, 1 थर्डमैन, 1 ऑफ (मिड या लौंग), 1 ऑन (मिड या ऑफ), 1 लैग पर, 1 मिड विकिट पर तथा एक बॉलर।
यह खेल विश्व में बहुत ही लोकप्रिय है। वर्तमान समय में संसार के अधिकतर देशों में यह खेल खेला जाता है। अत: यह खेल दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय होता जा रहा है। भारतवर्ष में भी यह खेल अत्यन्त प्रचलित है।
खेल का मैदान एवं उपकरण-
इस खेल का मैदान पूरा गोलाकार न रहकर 75 गज का अण्डाकार सर्किल होता है। इसके मध्यान्तर में विकेट्स विपरीत दिशाओं में लगाए जाते हैं। बीच (पिच) की दूरी 22 गज होती है। गेंद का वजन 5 1/2 औंस से कम न हो तथा 5 3/4 औंस से अधिक न हो। इसकी परिधि 3.5 इन्च से कम न हो तथा 4 इन्च से अधिक न हो। बैट, इसकी चौड़ाई 4 1/2 इंच से अधिक न हो तथा इसकी लम्बाई 38 इन्च से अधिक न हो। इस खेल का मैदान निम्नलिखित प्रकार है-
क्रिकेट के खेल में प्रयुक्त होने वाले महत्त्वपूर्ण शब्द-
क्रिकेट में क्रीज, बाई, ओवर, नो बॉल, वाइड बॉल, प्वाइंट, स्लिप, थर्डमैन, गुगली, लौंग ऑन, मिड ऑन, कवर, रन आउट, स्टम्प, L.B.W., फालो ऑन, हैड ट्रिक आदि शब्द प्रयुक्त होते हैं।
क्रिकेट खेल के नियम-
क्रिकेट खेल के नियम इस प्रकार हैं-
(1) यह खेल दो दलों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक दल में 11 सदस्य होते हैं। इनमें से एक कैप्टन होता है।
(2) कैप्टन टॉस जीतने पर यह निर्णय करेगा कि उसकी टीम बैटिंग करेगी या फील्डिंग।
(3) प्रत्येक पक्ष में दो पारियाँ होंगी। क्रीड़ा-क्षेत्र में पारियों का चुनाव ‘टॉस’ द्वारा निश्चित किया जायेगा।
(4) बैटिंग टीम का कप्तान कभी भी अपनी इनिंग बन्द करने की घोषणा कर सकता है।
(5) खेल प्रारम्भ करने का समय, खेल की समाप्ति का समय तथा इण्टरवल का समय पहले ही निश्चित कर लिया जाता है। बैट्समैन के आने का समय 2 मिनट, इनिंग के बीच का समय 10 मिनट तथा इण्टरवल का समय 45 मिनट से अधिक नहीं होगा।
(6) बैट्समैन प्रहार के बाद अथवा गेंद के खेल में रहते हुए, क्षेत्र को एक छोर से दूसरे छोर तक जितनी बार पार कर लेगा उतने ही रन मिल जायेंगे। ये रन बॉलर के सामने वाले बैट्समैन को मिलेंगे। रन के पूरा होने से पहले ही बैट्समैन कैच आउट हो जाता है, अथवा रन आउट हो जाता है, तो वह रन नहीं जोड़ा जाएगा। यदि गेंद बैट्समैन के बैट से लगकर अथवा बॉलिंग के बाद बाउण्ड्री पार कर जाती है तो चार रन बनेंगे। यदि गेंद बाउण्ड्री के बाहर जाकर गिरे तो छ: रन बनेंगे। बॉल के खो जाने पर छ: या छ: से अधिक जैसी भी स्थिति हो रन जोड़ दिए जाते हैं यदि छ: से अधिक रन बन गये हों।
(7) जो दल अधिक रन बनायेगा, वही विजयी घोषित कर दिया जायेगा। खेल के पूरा न होने पर मैच ड्रा हो जायेगा। एक पारी में खेले गये मैच में भी इस प्रकार निर्णय होगा।
(8) पिच के एक ओर से छ: बार बॉलर द्वारा गेंद फेंकी जाने पर ओवर हो जाता है। ओवर के पूरा हो जाने पर दूसरी ओर से गेंद फेंकी जाती है, अर्थात् नया ओवर प्रारम्भ हो जाता है। वाइड बॉल तथा नो बॉल छ: की संख्या में नहीं गिनी जायेगी।
(9) यदि गेंद बॉलर या विकिट-रक्षक के पूर्णत: हाथ में आ जाये अथवा बाउण्ड्री पार कर जाए या खिलाड़ी आउट हो जाए या बैट्समैन के कपड़ों में उलझ जाए या खेल समाप्ति का समय हो जाए तो ऐसी गेंद डैड बॉल मानी जाएगी।
(10) गेंद न तो फेंकी जाए और न जर्क के साथ बॉलिंग की जाए तो नो बॉल हो जायेगी, यदि बॉलर का एक पैर बॉलिंग क्रीज के पीछे नहीं है या उसका अगला पैर बॉलिंग क्रीज पार कर जाता है तो नो बॉल हो जायेगी।
(11) यदि बॉलर गेंद को बहुत ऊँचा अथवा विकेट से बहुत दूर फेंकता है जिसे बैट्समैन द्वारा खेलना सम्भव न हो तो वह वाइड बॉल हो जाएगी।
(12) यदि गेंद ‘नो बॉल’ और ‘वाइड का बॉल’ कहलाये बिना और स्ट्राइकर के बैट या शरीर का स्पर्श किए बिना पास से निकल जाए और रन बन जाए तो निर्णायक (एम्पायर) ‘बाई’ घोषित करेगा। यदि स्ट्राइकर के बैट वाले हाथ को छोड़कर गेंद उसके 2 कपड़े या शरीर से स्पर्श करती है या कोई रन बन जाता है तो निर्णायक लैगबाई’ घोषित करेगा।
(13) यदि बॉल अथवा बैट से बेल गिर जाते हैं और स्टम्प उखड़ जाता है तो विकिट डाउन माना जाता है। यदि खेल के दौरान स्ट्राइकर के गेंद हिट करने पर गेंद कैच कर ली जाती है अथवा स्ट्राइकर गेंद को हाथ से रोक लेता है अथवा गेंद को दो बार खेलता है अथवा जो गेंद विकेट की सीध में गिरे, उसे स्ट्राइकर का शरीर रोकता है, तो ऐसे अवसर पर एल० बी० डब्ल्यू. द्वारा विकिट डाउन माना जाता है।
(14) यदि स्ट्राइकर या उसका साथी खेल के समय क्रीज के बाहर हो अथवा रन लेते समय क्रीज तक पहुँचने के पहले फील्डर विकिट गिरा देता है तो रन आउट हो जाता है।
(15) यदि स्ट्राइकर बॉल को क्रीज के बाहर आकर खेलता है तथा वहबॉल ‘नो बॉल’ नहीं है और वह बॉल छूटकर विकिट-कीपर या फील्डर के पास आती है। वह उसे स्टम्प में मार देता है तो स्ट्राइकर, जो पासिंग क्रीज के बाहर है, स्टम्प आउट माना जाता है।
क्रिकेट खेल से सम्बन्धित टूर्नामेंट-
(1) रणजी ट्रॉफी, (2) ईरानी ट्रॉफी, (3) दिलीप ट्रॉफी, (4) देवधर ट्रॉफी, (5) कूच बिहार ट्रॉफी, (6) नेशनल वूमेन्स क्रिकेट, (7) सी० के० नायडू, (8) रिलायन्स कप, (9) विल्स वर्ल्ड कप 1996 आदि।
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