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Kho Kho Khel Ke Niyam in Hindi | खो खो खेल के नियम
खो-खो भारत का लोकप्रिय खेल है प्राचीन समय में यह खेल महाराष्ट्र में रथ (Chariot) पर खेला जाता था, जिस कारण इसको ‘रथेडा’ के नाम से जाना जाता था। खो-खो खेल के नियम बीसवीं शताब्दी के आरंभ में बनाए गए थे। भारत में खो – खो की प्रथम स्पर्धा सन 1914 में आयोजित की गई थी।
भारत में खो–खो को नियंत्रित करने वाली संस्था ‘खो-खो फेडरेशन आफ इंडिया’ है
खो – खो के महत्वपूर्ण बिंदु
- खो – खो के मैदान का आकार = आयताकार
- खो – खो के मैदान की लंबाई = 29 मीटर
- खो – खो के मैदान की चौड़ाई = 16 मीटर
- खो – खो टीम के खिलाड़ियों की संख्या = 9+3 आरक्षित
- खो खो के मैदान में पारियां = 2 पारियां (4 बार)
- वर्गों की संख्या = 8
- वर्गों में बैठने वाले खिलाड़ी = अनुधावक
- पकड़ने वाला खिलाड़ी = सक्रिय अनुधावक
- मैच का समय = (9-5-9) 9 (9-5-9) मिनट
- मध्यांतर का समय = 5 मिनट
खो-खो का मैदान / Playground of Kho-Kho
खो-खो के मैदान की लंबाई 29 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर होती है। मैदान के अंत में 16 मीटर × 2.75 मीटर के दो आयताकार होते हैं। मैदान के बीच में 23.50 मीटर लंबी और 30 सेंटीमीटर चौड़ी पट्टी होती है पार्टी के प्रत्येक सिरे पर लकड़ी का पोल होता है इसमें 30 C.M. × 30 C.M. के 8 वर्ग होते हैं।
स्तंभ या पोस्ट
मध्य रेखा के अंत में दो स्तंभ गाड़े जाते है। इनकी जमीन से ऊंचाई 1.20 मीटर होती है। स्तंभ का घेरा नीचे से 40 सेंटीमीटर ओर ऊपर की ओर कम होकर 30 सेंटीमीटर रह जाता है।
क्रॉस – लेन / Cross-Lane
प्रत्येक आयताकार की लंबाई 16 मीटर चौड़ाई 30 सेंटीमीटर होती है। यह केंद्र रेखा को समकोण अथार्त 90 डिग्री पर काटती है। यह स्वंय भी दो अध्दर्क में बंटा होता है। क्रॉस – लेन के काटने पर बने 30 सेंटीमीटर × 30 सेंटीमीटर के क्षेत्र को वर्ग कहा जाता है।
अनुधावक या चेजर / Chaser
वर्गों में बैठे खिलाड़ी अनुधावक या चेजर कहलाते हैं। विरोधी खिलाड़ियों को छूने के लिए दौड़ने वाले को Active Chaser कहा जाता है।
रनर / Runner
चेजर के विरोधी खिलाड़ी को रनर कहा जाता है।
खो देना / To Give Kho
अच्छी ‘खो’ देने के लिए एक्टिव चेजर को बैठे हुए चेजर को पीछे से हाथ से छूकर ‘खो’ शब्द ऊँची आवाज में कहना चाहिए। हाथ लगाने और ‘खो’ कहने का काम एक साथ होना चाहिए।
यदि बैठा हुआ चेजर अथवा एक्टिव चेजर किसी तरह का उल्लंघन करते हैं तो यह फाउल होता है।
दिशा ग्रहण करना / Taking Direction
जब एक्टिव चेजर एक पोस्ट से दूसरी पोस्ट तक जाता है तो इसे दिशा ग्रहण कहते हैं।
मुंह मोड़ना / To Turn the Face
यदि एक्टिव चेजर एक विशेष दिशा की ओर जाते हुए अपने कंधे की रेखा 90 डिग्री के कोण से अधिक दिशा में मोड़ लेता है तो इसे मुंह मोड़ना कहते हैं यह फाउल है।
पाँव-बाहर / Foot-Out
यदि रनर के दोनों पाँव सीमा रेखा से बाहर छू जाए तो उसे पाँव-बाहर माना जाता है, उसे आउट माना जाता है।
लोना / Lona
जब सभी रनर 9 मिनट में आउट हो जाए तो chasers द्वारा runners के विरुद्ध लोना अंकित किया जाता है, परंतु लोना का कोई अंक नहीं होता है।
अधिकारी / Officials
मैच के प्रबंध के लिए निम्न अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं।
- दो अंपायर
- एक रेफ़री
- एक टाइम – कीपर
- एक स्कोरर
खो-खो के नियम / Kho Kho Rules in Hindi
- एक्टिव चेजर के शरीर का कोई भी भाग केंद्र पट्टी को लगना चाहिए।
- अगर चेजर रनर को हाथ से छू लेता है तो रन आउट हो जाता है।
- चेजर अथवा रनर बनने का फैसला Toss द्वारा किया जाता है।
- बैठे हुए चेजर को Active चेजर पीछे से ही खो दे सकता है।
- जब तक बैठे हुए चेजर को खो नहीं दी जाती, वह अपनी जगह से नहीं उठ सकता।
- एक्टिव चेजर द्वारा खो देने पर ही वह चेजर के स्थान पर बैठेगा।
- एक्टिव चेजर का मुँह है उसके दौड़ने की दिशा में होना चाहिए।
- खो मिलने के बाद चेजर उस दिशा में ही जाएगा जो दिशा उसने वर्ग से उठने के बाद केंद्र – पट्टी को पार करके अपनाई हो। एक्टिव चेजर यदि खो न देता तो वह केंद्र – पट्टी के दूसरी तरफ पोल के ऊपर से घूम कर आ सकता है।
- चेजर अपने वर्ग में इस तरह बैठेगा कि रनर के मार्ग में कोई रुकावट ना आए। यदि उसकी रुकावट से रनर आउट हो जाता है तो उसे आउट नहीं माना जाता।
- एक्टिव चेजर के लिए पोल-लाइन को पार करना जरूरी है।
- एक्टिव चेजर बैठे हुए चेजर को पीछे से को देने के लिए, हाथ और को देने का एक्शन एक साथ करेगा।
- एक्टिव चेजर के अतिरिक्त बाकी चेंज अपने वर्ग में इस प्रकार बैठेगे कि उनके मुंह एक तरफ ना हो।
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