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उस्ताद अली अकबर खान का जीवन परिचय | Ali Akbar Khan Biography in Hindi

उस्ताद अली अकबर खान का जीवन परिचय | Ali Akbar Khan Biography in Hindi
उस्ताद अली अकबर खान का जीवन परिचय | Ali Akbar Khan Biography in Hindi

उस्ताद अली अकबर खान का जीवन परिचय (Ali Akbar Khan Biography in Hindi)

उस्ताद अली अकबर खान भारत के शास्त्रीय संगीतकारों में से एक माने जाते हैं। विश्व में सर्वत्र रूप से इनके संगीत संयोजन को और सरोद वादन की प्रवीणता को सराहा गया है।

अली अक़बर ख़ाँ
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अली अक़बर ख़ाँ
जन्म 14 अप्रैल 1922
शिबपुर कोमिला, भारत (अब बांग्लादेश)
मृत्यु 19 जून 2009 (उम्र 87)
सेनफ्रांसिस्को, यूएसए

उस्ताद अली अकबर खान का जन्म 14 अप्रैल, 1922 को पूर्वी बंगाल में हुआ, जो अब बांग्लादेश में है। इनका परिवार मियां तानसेन के घराने का कहा व माना जाता है। यह तो सर्वविदित ही है कि 16वीं शताब्दी के मियां तानसेन उच्च कोटि के संगीतकार थे और अकबर सम्राट के शाही संगीतकार भी थे। 20वीं सदी में अली अकबर खान के पिता अल्लाउद्दीन खान भी उत्तर भारत के महानतम संगीतकारों में शामिल रहे। उन्हें पद्म विभूषण, आचार्य और ‘डॉक्टर’ का सम्मान भी प्राप्त हुआ था।

अली अकबर खान ने संगीत की शिक्षा महज तीन वर्ष की उम्र से ही प्राप्त करना आरंभ कर दी। इन्होंने ‘वाचिक’ संगीत अपने पिता से और तबला वादन अपने चाचा फकीर अफताबुद्दीन से सीखा। यद्यपि अली अकबर खान ने अन्य संगीत वाद्ययंत्रों को बजाना भी सीखा, लेकिन अंततः इन्होंने सरोद वादन और वाचिक संगीत पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया।

उस्ताद अली अकबर खान ने अपना प्रथम सार्वजनिक प्रदर्शन इलाहाबाद में महज 13 वर्ष की आयु में दिया। जीवन के प्रथम बीस बसंत तय करने तक इन्होंने लखनऊ में एच.एम.वी. में रिकार्डिंग की और अगले वर्ष महाराजा जोधपुर के दरबार में ये संगीतकार के रूप में सेवाएं देने लगे। इन्होंने वहां 7 वर्ष तक संगीत संबंधी कार्य किए और जोधपुर दरबार से उन्हें उस्ताद का खिताब भी अता किया गया। कुछ वर्षों पश्चात् उस्ताद अली अकबर खान को ‘हाथी सरोपाओ’ और ‘डोबारी तजीम’ का खिताब भी जोधपुर महल में स्वर्ण जयंति समारोह 1993 के दौरान प्रदान किया गया।

अली अकबर खान सर्वप्रथम 1955 में लॉर्ड मेन्यूहिन के आग्रह पर अमेरिका गए और वहां न्यूयॉर्क के म्यूजियम ऑफ मॉडर्न आर्ट के हॉल में यादगार संगीत गोष्ठी में भाग लिया। उस्ताद अली अकबर खान ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अमेरिका में लोकप्रिय बनाने का कार्य करने में अपनी प्रमुख भूमिका का निर्वहन किया। इन्होंने कोलकाता में अली अकबर महाविद्यालय के नाम से संगीत का महाविद्यालय स्थापित किया गया। 1965 से इन्होंने अमेरिका में संगीत की शिक्षा देना आरंभ किया। बाद में इन्होंने मेरिन काउंटी, कैलिफोर्निया, अमेरिका में संगीत का अली अकबर महाविद्यालय स्थापित किया।

उस्ताद अली अकबर खान द्वारा सिनेमा में भी संगीत प्रदान किया गया है। इनमें 1953 में आई चेतन आनंद की ‘आंधियां’ व आई. मर्चेंट की ‘हाउस होल्डर’ रही थीं तो ‘खुदिता पशां’ के लिए इन्हें वर्ष का सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का पुरस्कार भी प्रदान किया गया। सत्यजित राय निर्देशित ‘देवी’ और बर्नार्डो बर्टो लुच्ची की ‘लिटिल बुद्धा’ में भी इनका संगीत संयोजन था।

1977 में हॉल ऑफ फेम के तहत इन्हें ‘दि एशियन पेंट्स शिरोमणि सम्मान से नवाजा गया। सत्यजित रॉय के पश्चात् ये दूसरे भारतीय रहे, जिन्हें यह सम्मान मिला।

अंततः ये अमेरिका में रहते हुए भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा देते रहे हैं।

सम्मान/पुरस्कार

उस्ताद अली अकबर खाँ को अपने गायन तथा वादन के लिए देश – विदेश से विभिन्न सम्मानों द्वारा सम्मानित किया गया है, जिनमें कुछ प्रमुख हैं-

  • वर्ष 1967 में पद्मभूषण सम्मान
  • वर्ष 1989 में पद्मविभूषण सम्मान
  • वर्ष 1991 में मैक – अर्थ फाउण्डेशन की फैलोशिप जो अमेरिका की सर्वाधिक सम्मानजनक फैलोशिप है ।
  • वर्ष 1974 में रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय कोलकाता और ढाका विश्वविद्यालय बांग्लादेश द्वारा संगीत में योगदान के लिए ‘ डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर ‘ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया ।
  • वर्ष 1963 व 1966 में इनको दो बार राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

FAQ

Q : उस्ताद अली अकबर खान की बहन कौन थी

Ans : अन्नपूर्णा देवी

Q :  अली अकबर खान किससे संबंधित है?
 

Ans : उस्ताद अली अक़बर ख़ाँ (बांग्ला: আলী আকবর খাঁ) मैहर घराने के भारतीय शास्त्रीय संगीतज्ञ और सरोद वादक थे

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Anjali Yadav

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