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अरुण सरीन का जीवन परिचय(Arun Sarin ka jeevan parichay in hindi)
अरुण सरीन का जीवन परिचय- अरुण सरीन का जन्म 21 अक्टूबर, 1954 को पंचमढ़ी, मध्य प्रदेश में हुआ। इनके पिता सैन्य अधिकारी थे, इस कारण अरुण ने अपनी स्कूली शिक्षा बेंगलुरू के सैन्य छात्रावास स्कूल में प्राप्त की। स्कूल स्तर की शिक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् अरुण ने आई.आई.टी. खड़गपुर से 1975 में स्नातक स्तरीय उपाधि प्राप्त की। फिर 1977 में इन्होंने कैलिफोर्निया बर्कले से अभियांत्रिकी में स्नातकोत्तर की उपाधि भी प्राप्त की और इसके साथ ही 1978 में इसी विश्वविद्यालय से एम. बी. ए. की परीक्षा भी उत्तीर्ण की।
अरुण सरीन
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जन्म | 21 अक्टूबर 1954 पचमढ़ी , मध्य प्रदेश , भारत
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शिक्षा | बीटेक। (1975) आईआईटी, खड़गपुर एमएस (1978) यूसी बर्कले एमबीए (1978) हास स्कूल ऑफ बिजनेस |
पेशा | व्यापार कार्यकारी |
के लिए जाना जाता है | वोडाफोन के पूर्व सीईओ (2003 – 2008) |
पूर्वज | सर क्रिस्टोफर जेंट |
उत्तराधिकारी | विटोरियो कोलाओ |
बोर्ड के सदस्य | एक्सेंचर ओला कैब्स चार्ल्स श्वाब सेरेंस यूसी बर्कले |
अरुण सरीन के द्वारा 1978 में ही अपना व्यावसायिक जीवन आरंभ किया गया और पर्यावरणीय विश्लेषक के रूप वाशिंगटन डी.सी. की परामर्शदात्री फर्म में सेवाएं देना आरंभ किया। 1981 में ये कैलिफोर्निया में नेटोमस के लिए कॉर्पोरेट विकास प्रबंधक के बतौर कार्य करने लगे। 1984 में ये दूरसंचार उद्योग से उस समय जुड़े, जब सेन फ्रांसिस्को में पेसिफिक टेलेसिस समूह के लिए कार्य करना आरंभ किया। तब अरुण दूरसंचार उपक्रम के ख्यातिनाम उद्यमी सेम जिन के साथ भी जुड़ गए थे। यहां इन्होंने कारोबारी एवं अधिशासी पदों पर 10 वर्ष कार्य किया गया और बाद में उपाध्यक्ष भी बनाए गए। 1994 में अरुण सरीन ने पेसिफिक टेलेसिस से उस समय किनारा कर लिया, जब उन्हें मोबाइल व पेजिंग कारोबार में घाटा होना आरंभ हुआ।
1995 में अरुण सरीन ने अपने आदर्श रहे सेम जिन का अनुसरण करते हुए वायरलैस कम्युनिकेशंस कंपनी ‘एयर टच कम्युनिकेशंस’ की स्थापना की। ये एयर टच कंपनी में फरवरी, 1997 से जून, 1999 तक अध्यक्ष व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे। फिर 1999 में ही एयर टच और वोडाफोन (ब्रिटेन की बड़ी वायरलैस कम्युनिकेशंस कंपनी) दोनों ने हाथ मिला लिए और वोडाफोन एयर- टच की स्थापना की। इस नए कॉर्पोरेट समीकरण में अरुण सरीन मुख्य अधिशासी बने। अप्रैल, 2000 में अरुण सरीन ने वोडाफोन-एयर टच के अपने दायित्व से त्यागपत्र दे दिया और वाशिंगटन की इंफोस्सेस कंपनी के मुख्य अधिशासी अधिकारी बन गए, जो इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी थी। मुख्य अधिशासी अधिकारी (सी.ई.ओ.) के पद पर कार्य करते हुए अरुण सरीन ने इंफोस्सेस और GO2Net कंपनी का विलय करवाया, जो 4 बिलियन डॉलर्स पूंजी के साथ सूचीबद्ध थी।
इंफोस्पेस में 8 माह का संक्षिप्त कार्यकाल पूर्ण करने के पश्चात् अरुण सरीन ने त्यागपत्र दे दिया। जुलाई, 2001 इन्हें एस्सेल पार्टनर्स और कोहल्बर्ग क्राविस रॉबर्ट्स में नियुक्ति मिल गई और इन्होंने एस्सेल के. के. आर. टेलीकॉम उपक्रम का गठन किया। 18 माह रहने के पश्चात् यहां से भी इन्होंने त्यागपत्र दे दिया। फिर 30 जुलाई, 2003 से ये वोडाफोन कंपनी के सी.ई.ओ. बनाए गए। इस प्रकार अरुण सरीन उन गिने-चुने भारतीयों की सूची में आते हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर की वैश्विक कंपनियों के शीर्ष अधिकारी पद पर रहे हैं।
vodafone ka malik kaun hai – वोडाफोन का मालिक कौन है?
Arun Sarin
image sours:https://www.google.com
रुण सरीन 2003 से 2008 तक वोडाफोन के सीईओ थे। अपने कार्यकाल के दौरान, सरीन ने 2007 में भारत के हचिसन एस्सार के अधिग्रहण सहित कई महत्वपूर्ण अधिग्रहणों का निरीक्षण किया। भारत।
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