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बृजमोहन लाल मुंजाल की जीवनी- हीरो कंपनी के मालिक

बृजमोहन लाल मुंजाल की जीवनी- हीरो कंपनी के मालिक
बृजमोहन लाल मुंजाल की जीवनी- हीरो कंपनी के मालिक

बृजमोहन लाल मुंजाल की जीवनी – Biography of Brijmohan Lall Munjal in hindi

ब्रिजमोहन लाल मुंजाल हीरो समूह के अध्यक्ष हैं। इन्होंने प्राथमिक स्तर पर बेहद छोटे स्तर पर यानी उद्यम का आरंभ किया और कड़े परिश्रम तथा निरंतर अध्यवसाय के द्वारा उसे बुलंदी तक पहुंचा दिया। आज हीरो समूह संपूर्ण विश्व में द्वि-चक्र वाहन बनाने वाला सबसे बड़ा समूह है। इसी कारण ब्रिजमोहन मुंजाल अपनी सफलता के लिए ही सर्वाधिक जाने जाते हैं।

बृजमोहन लाल मुंजाल
Dr. Brijmohan Lall Munjal 2005 (cropped).jpg
जन्म 01 जुलाई 1923
कमालिया, अविभाजित भारत
मृत्यु 1 नवम्बर 2015 (उम्र 92)
दिल्ली, भारत
व्यवसाय हीरो समूह के संस्थापक एवं चेयरमैन
कुल मूल्य $3.7 बिलियन (सितंबर 2014)
जीवनसाथी संतोष
बच्चे चार पुत्र, एक पुत्री

इनकी जीवनयात्रा का आरंभ 1923 में इनके जन्म के साथ ही आरंभ हुआ। 1944 में जब इनकी उम्र 20 वर्ष थी और इनके तीन भाई दयानंद 32 वर्ष, सत्यानंद 27 वर्ष और ओमप्रकाश 16 वर्ष के थे, तब ये कमालिया पाकिस्तान के अपने जन्मस्थल से अमृतसर चले आए। इनके भाइयों ने स्थानीय साइकिल के लिए काम में आने वाले पुर्जों की आपूर्ति का व्यवसाय आरंभ किया। 1947 में विभाजन के पश्चात् परिवार लुधियाना जाने पर विवश हो गया। लुधियाना शहर इस समय तक भारतीय साइकिल और वस्त्र उद्योग का प्रमुख केंद्र बनकर उभर चुका था। मुंजाल परिवार ने धीरे-धीरे साइकिल के कलपुर्जों के वितरण कारोबार को भारत के अन्य नगरों तक भी पहुंचा दिया। 1952 में मुंजाल परिवार ने वितरण के क्षेत्र से परिवर्तन किया और निर्माण कार्य का श्रीगणेश किया। इन्होंने साइकिल के हैंडिल, चैन और कुछ अन्य पुर्जे बनाने आरंभ कर दिए गए।

1956 में पंजाब राज्य सरकार ने लुधियाना में साइकिलों के निर्माण के लिए बारह नई औद्योगिक विज्ञप्तियां (लाइसेंस) देने की घोषणा की। मुंजाल परिवार ने इस सुनहरे मौके को दोनों हाथों से थाम लिया। पंजाब सरकार के द्वारा छह लाख की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई तो इनकी संक्षिप्त पूंजी को अवलंब प्राप्त हो गया। इस प्रकार हीरो साइकिल्स बनाने का उपक्रम आरंभ हुआ। हीरो साइकिल को वृहद स्तरीय औद्योगिक इकाई के रूप में पंजीकृत कर दिया गया, जो आरंभिक तौर पर 7500 साइकिलों का वार्षिक उत्पादन करती थी।

शीघ्र ही हीरो साइकिल्स ने पूर्व में स्थापित उत्पादों के रूप में हिंद साइकिल्स और एटलस साइकिल्स को चुनौती देना आरंभ कर दिया । तुलनात्मक रूप से । हीरो साइकिल्स सस्ती, भरोसेमंद और मजबूत थी। इन साइकिलों के रूप में ग्राहकों को अपने अदा किए धन की वाजिब संतुष्टि प्राप्त हुई।

फिर आया जनवरी, 1984 का दौर, जब जापान की मोटर साइकिल बनाने वाली होंडा कंपनी ने हीरो साइकिल समूह के साथ मिलकर भारत में मोटर साइकिल का उत्पादन करने का निश्चय किया। जापान की होंडा कंपनी इस समय भी विश्व में सबसे ज्यादा मोटर साइकिलों का निर्माण करती है। अनुबंध हस्ताक्षरित होने के पश्चात् 13 अप्रैल, 1985 को पहली हीरो होंडा मोटर साइकिल का निर्माण हुआ। फिर तो कंपनी ने मोटर साइकिल बनाने का अंतर्राष्ट्रीय कीर्तिमान ही बना दिया।

बी. एम. मुंजाल को विभिन्न प्रशस्तियां एवं सममान प्राप्त हुए, जो भारतीय उद्योग जगत में इनके योगदान हेतु प्रदान किए गए थे। 1994 में इन्हें देश की शीर्षस्थ कारोबार की पत्रिका बिजनेस इंडिया के द्वारा ‘वर्ष का उद्यमी’ का खिताब प्रदान किया गया।

1995 में बी. एम. मुंजाल को भारतीय लघु स्तर के उद्योग का उल्लेखनीय विकास करने के लिए एम.एस.आई.सी. पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया। फिर 1999 में इन्हें विश्व का महान सी.ई.ओ. ‘बिजनेस बेरन’ द्वारा प्रदर्शित किया गया।

असाधारण उद्यमशीलता के लिए चेंबर ऑफ कॉमर्स के द्वारा भी इन्हें 1997 में पुरस्कृत किया गया। इसी प्रकार 2000 में हुई ‘सर जहांगीर गांधी मेडल’ पुरस्कार औद्योगिक शांति के लिए जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीट्यूट के द्वारा प्रदान किया गया। 2001 में इन्हें सर्वाधिक युवा उद्यमी के रूप में ‘2002 का उद्यमों का खिताब प्रदान किया गया।

ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के द्वारा भी इन्हें 2003 में ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड फॉर मैनेजमेंट’ देकर सम्मानित किया गया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (वाराणसी) द्वारा इन्हें अक्टूबर, 2004 में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई।

भारत सरकार के द्वारा भी इन्हें मार्च, 2005 में पद्म भूषण का प्रतिष्ठापूर्ण सम्मान प्रदान किया गया, लेकिन अब इनका और होंडा कंपनी का साथ दिसंबर, 2010 में छूट चुका है और दोनों पृथक हो गए हैं।

हीरो कंपनी के मालिक कौन है? hero company malik name

बृजमोहन लाल मुंजाल

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Anjali Yadav

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