biography

पंडित जसराज का जीवन परिचय | Biography of Pandit Jasraj in Hindi

पंडित जसराज का जीवन परिचय | Biography of Pandit Jasraj in Hindi
पंडित जसराज का जीवन परिचय | Biography of Pandit Jasraj in Hindi

पंडित जसराज का जीवन परिचय (Biography of Pandit Jasraj in Hindi)

पंडित जसराज का जीवन परिचय- स्वर एवं सुर गायकी में भारत ने कई महान व्यक्तियों को जन्म दिया है। इनमें पंडित जसराज का नाम भी शामिल हैं। उत्तर भारत के संगीत मार्तंड आधुनिक काल के वरिष्ठ सदस्य माने जाते हैं। इन्हें कई सम्मान एवं पुरस्कार भी संगीत में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किए गए हैं। मेवाती घराने के इस उस्ताद ने जुगलबंदी में नए प्रयोग भी किए हैं।

पण्डित जसराज
जसराज 18 दिसंबर 2016 को इंदिरा गांधी पार्क, भुवनेश्वर में
जसराज 18 दिसंबर 2016 को इंदिरा गांधी पार्क, भुवनेश्वर में
पृष्ठभूमि
जन्म 28 जनवरी 1930 (आयु 93)
मूलस्थान पिली मंडोरी, हिसार जिला, (अब फतेहबाद में), भारत
निधन 17 अगस्त 2020 (उम्र 90)
विधायें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत
पेशा संगीतकार
सक्रियता वर्ष 1945–2020
वेबसाइट www.panditjasraj.com

पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी, 1930 को हुआ था। इन्होंने संगीत के उस घराने में जन्म लिया था, जहां कई पीढ़ियों से संगीत की परंपरा मौजूद रही थी। ये भी मेवाती घराने के ही उस्ताद हैं। बचपन में इन्हें संगीत का आरंभिक अभ्यास इनके पिता स्वर्गीय मोतीराम जी द्वारा करवाया गया। फिर इन्होंने शेष वृहद अभ्यास अपने बड़े भाई संगीत महामहोपाध्याय पंडित मणिराम और आत्मिक प्रभाव वाले महाराज जयवंत सिंहजी वाघेला से प्राप्त किया। इस प्रकार पंडित जसराज ने अपनी साधना की यात्रा को आरंभ किया। महाराज रूप भी ईश्वरीय संपन्न मेवाती घराने के शास्त्रीय संगीतकार रहे हैं, शीघ्र ही जसराज भी इसी क्षेत्र में समर्पित होकर उत्कृष्ट संगीतज्ञ के रूप में दीक्षित हो गए। आध्यात्मिक गुरु, स्वर्गीय महाराणा श्री जसवंत सिंह जी (सानंद वाले), जो मेवाती घराने के एक और बुजुर्ग उस्ताद माने जाते हैं, उन्होंने भी इनका पथ-प्रदर्शन किया।

पंडित जी ने कई सम्मान एवं खिताब भी प्राप्त किए हैं। इनमें पद्म विभूषण, सुरगुरु, संगीत मार्तंड, संगीत कला रत्न, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, पश्चिम बंगाल की विश्व उन्नयन संसद द्वारा संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि, महाराष्ट्र का गौरव पुरस्कार और दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार सम्मान भी इन्हें प्रदान किया गया। अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा भी पंडित जी को सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान कला संग्रहालय प्रभाग की ओर से दिया गया। भारतीय संगीत के क्षेत्र में पंडित जसराज महानतम और अधिकतम मौलिक कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। इन्हें भारतीय संगीत को जुगलबंदी आधारित प्राचीन विधाओं में अनूठा व असाधारण काम करने के लिए भी जाना जाता है जुगलबंदी में एक पुरुष व एक महिला वाचिक होते हैं और प्रत्येक द्वारा विभिन्न रागों को एक ही समय पर आलाप के विभिन्न स्वर प्रदान किए जाते हैं. जिसमें आलाप के सुर नीचे से मध्यम व मध्यम से ऊपर तथा ऊपर से नीचे की ओर यात्रा करते हुए प्रतीत होते हैं। इनकी इस जुगलबंदी साधना व उसके प्रदर्शन को भारत में सभी जगह सराहना प्राप्त हुई और पारखीजनों ने इस संगीत को ‘जसरंगी जुगलबंदी’ का शीर्षक दिया।

पंडित जी ने हवेली संगीत में शोधकार्य भी किया, इनके इस शोधकार्य में बाबा श्याम मनोहर गोस्वामी इनके पथ-प्रदर्शक रहे। केवल साधक के रूप में इन्होंने संतोष नहीं किया। इन्होंने बेहतरीन बंदिशें भी बनाईं और इन्हें लोकप्रिय भी किया। एक गुरु के रूप में पंडित अनोखे रहे हैं। इन्होंने संगीत को ज्ञान और स्नेह के रूप में अपने शिष्यों को प्रदान किया है और एक सच्चे गुरु की भांति उनकी देख-रेख एवं परवाह की है। अभी 83 वर्ष के पंडित जसराज स्वस्थ हैं और एक आशीर्वाद की भांति हमारे मध्य हैं। ईश्वर इन्हें स्वस्थ एवं दीर्घायु बनाए ।

पंडित जसराज: गाने

1- हमाराव धन राधा

2- शिव शिव मंत्र

3- श्री सूक्त

4- वादा तुमसे है वादा

5- मंगल कामना मात्रा

6- ॐ नमो भगवते

7- शुभ लाभ मंत्र

8- महालक्ष्मी महामंत्र

9- शिव धुन

10- हरे कृष्ण हरे राम

11- श्री राधा-कृष्ण स्तुति

12- श्रीकृष्ण मंत्र

13- बीज मंत्र

14- प्रज्ञा वरदान मंत्र

15- प्रकिर्ण मंत्र

FAQs-

Q.- पंडित जसराज क्या बजाते थे?

Ans- जसराज ने 14 साल की उम्र में एक गायक के रूप में प्रशिक्षण शुरू किया, इससे पहले तक वे तबला वादक ही थे।
 
Q.-  पंडित जसराज को रसराज क्यों कहा जाता था?

Ans-  यह अटल बिहारी वाजपेयी थे जिन्होंने पहली बार पंडित जसराज को ‘PTI. ‘ द्वारा ‘रसराज‘ कहा था। मुंबई: कविता और संगीत के पारखी स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, 88 वर्षीय हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के प्रशंसक थे और उन्हें ‘रसराज‘ (रसों का राजा) कहा जाता था

Important Link…

Disclaimer:  Target Notes does not own this book, PDF Materials Images, neither created nor scanned. We just provide Notes already available on the Book and internet. If any way it violates the law or has any issues then kindly mail us: targetnotes1@gmail.com

About the author

Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment