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शिव नाडार का जीवन परिचय | Biography of Shiv Nadar in Hindi

शिव नाडार का जीवन परिचय | Biography of Shiv Nadar in Hindi
शिव नाडार का जीवन परिचय | Biography of Shiv Nadar in Hindi

शिव नाडार का जीवन परिचय (Biography of Shiv Nadar in Hindi)

शिव नाडार का जीवन परिचय- आज शिव नाडार को सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े वैश्विक जगत के महान लोगों में शुमार किया जाता है। शिव नाडार का जन्म 14 जुलाई, 1945 को तमिलनाडु के तूतीकोरन जिले मूलईपोझी नाम के ग्राम में हुआ था। 1965 में ये ‘दिल्ली क्लॉथ मिल’ में इंजीनियर की हैसियत से सेवाएं देने लगे थे। इसके पूर्व इन्होंने कोयंबटूर से विद्युत अभियांत्रिकी में उपाधि प्राप्त कर ली थी। ये हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड के मुख्य अधिशासी अधिकारी (सी.ई.ओ.) रहे हैं। इन्हें सूचना तकनीक में बतौर उद्योगपति एक जीवंत हस्ताक्षर माना जाता है। डी.सी.एम. में कार्य करते हुए ही इन्होंने सोच लिया था कि ये स्वयं का कारोबार अवश्य ही स्थापित करेंगे। अपने भीतर के व्यवसायी की आवाज पर इन्होंने अपने छह साथियों के साथ कार्यालय उत्पाद बनाने वाली फर्म की स्थापना की, जो कॉपियर्स जैसे उत्पाद बनाती थी।

शिव नाडार कि जानकारी जीवन एक नजर | Shiv Nadar Brief Information

पुरा नाम (Full Name ) शिव नाडार
उपनाम (Nickname) मागुस
जन्म (Born) 14 जुलाई 1945
जन्मस्थान (Birthplace) तिरुचेंदूर, तमिल नाडु
ऊंचाई ( Height) 5 फीट 9 इंच
पिता (Father) शिवसुब्रमण्य नादर
माता (Mother) वामासुंदरी देवी
जिवनसाथी(Wife) किरण नाडार

1970 में आई.बी.एम. ने भारतीय बाजार से स्वयं को पृथक कर लिया था। तब उनकी एच.सी.एल. कंपनी से आई.बी.एम. की कमी को पूर्ण करने का कार्य आरंभ किया। उस समय देश में 250-300 कंप्यूटर ही थे। 1982 में इनकी एच.सी.एल. कंपनी के द्वारा अपना पहला कंप्यूटर बनाया गया। आज एच. सी. एल. के द्वारा अस्सी प्रतिशत आय कंप्यूटर और कार्यालय उत्पादों के द्वारा ही प्राप्त की जाती है। कंपनी ने अपनी विश्वव्यापी पैठ भी बना ली है। कंप्यूटर तकनीक संबंधी कई परिकल्पनाओं के इन्होंने विभिन्न सॉफ्टवेयर्स बनाकर भी साकार किया गया है। हाथ से भरे गए आयकर रिटर्न्स के फॉर्म को भी अब कंप्यूटर द्वारा पढ़ा जा सकता है, इस दिशा में एच. सी. एल. कंपनी ने ही उल्लेखनीय कार्य किया है। कंपनी की चेन्नई शाखा को प्रतिदिन अमेरिका से सॉफ्टवेयर संबंधी आदेश प्राप्त होते हैं। विश्व के सभी समय प्रभाग में बंटे देशों में कंपनी के उत्पाद पहुंच चुके हैं।

चेन्नई की सॉफ्टवेयर शाखा में अमेरिका से बहुत ज्यादा काम आता है, क्योंकि भारतीय इंजीनियरों का दल यहां पर कम तनख्वाह में उनका कार्य करता है। उस टीम के द्वारा प्रातः प्राप्त हुए आदेशों की पूर्ति शाम तक कर दी जाती है। इस कारण कई मायनों में भारत में कार्य किया जाना अमेरिका की तुलना में सस्ता पड़ता है और गुणवत्ता अमेरिकी स्तर की ही होती है।

इन्होंने बेहद उपयुक्त समय पर एच.सी.एल. कंपनी को कंप्यूटर निर्माण के क्षेत्र में उतारा गया। ज्योफ्रे जेम्स ने अपनी पुस्तक ‘जायंट किलर’ में नाडार की कंपनी को विश्व की नामचीन कंप्यूटर कंपनियों के समतुल्य ही ठहराया है।

इन्होंने कम समय में ही वैश्विक स्तर प्राप्त किया। फोर्ब्स पत्रिका ने इन्हें भारत के महत्वपूर्ण पूंजीपतियों में से एक माना है। देश को इनकी योग्यता पर नाज है।

शिव नादर क्यों प्रसिद्ध है?

शिव नादर (जन्म 14 जुलाई 1945) एक भारतीय अरबपति उद्योगपति और परोपकारी हैं। वह एचसीएल टेक्नोलॉजीज और शिव नादर फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष एमेरिटस हैं। नादर ने 1970 के दशक के मध्य में HCL की स्थापना की और अगले तीन दशकों में IT हार्डवेयर कंपनी को IT उद्यम में बदल दिया।

शिव नाडोल कौन है?

शिव नाडार भारत के प्रमुख उद्यमी एवं समाजसेवी हैं। वे एचसीएल टेक्नॉलोजीज के अध्यक्ष एवं प्रमुख रणनीति अधिकारी हैं। सन् २०१० में उनकी व्यक्तिगत सम्पत्ति ४.2 बिलियन अमेरिकी डालर के तुल्य है। उनको सन २००८ में भारत सरकार द्वारा उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया था।

शिव नादर इतने अमीर कैसे हैं?

भारतीय आईटी अग्रणी शिव नादर ने पांच दोस्तों के साथ कैलकुलेटर और माइक्रोप्रोसेसर बनाने के लिए 1976 में एक गैरेज में एचसीएल की स्थापना की। आज, उनकी $11.8 बिलियन (राजस्व) एचसीएल टेक्नोलॉजीज भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाताओं में से एक है।

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Anjali Yadav

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