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सुभाष चंद्रा का जीवन परिचय | Biography of Subhash Chandra in Hindi

सुभाष चंद्रा का जीवन परिचय | Biography of Subhash Chandra in Hindi
सुभाष चंद्रा का जीवन परिचय | Biography of Subhash Chandra in Hindi

सुभाष चंद्रा का जीवन परिचय (Biography of Subhash Chandra in Hindi)

सुभाष चंद्रा का जीवन परिचय- परिवर्तन की बयार यदि सौभाग्य लाए तो इंसान के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आ जाता है। ऐसा शख्स महानता की ऊंचाइयों तक भी पहुंच जाता है। इसी कारण प्रवाहमयी परिवर्तन को जीवन का आधार कहा गया है। सुभाषचंद्र (मनोरंजन व्यवसाय) के जीवन में भी अद्भुत परिवर्तन आया था। यह कल्पना करना ही कठिन है कि चावल का किराना कारोबार करने वाला व्यक्ति मीडिया जगत का ‘किंग’ बनने का सपना बुने और उस सपने को फिर पूर्णता के द्वार तक भी पहुंचा दे। जीटीवी के संस्थापक के रूप में इन्होंने भारत के मनोरंजन जगत को संपूर्णतः परिवर्तित कर दिखाया। उनका जन्म 30 नवंबर, 1950 को हरियाणा में हुआ था। जीटीवी के रूप में इनके द्वारा इन्होंने पहला निजी चैनल भारत में स्थापित किया था। एक चावल व्यापारी ने यह पहल की। यह बात निश्चय ही चौंकाती है।

सुभाष चंद्रा
Dr. Subhash Chandra.jpg
जन्म 30 दिसम्बर 1950 (आयु 72)
भारत हिसार, हरियाणा, भारत
आवास भारत मुंबई, भारत
व्यवसाय एस्सेल समूह के चेयरपरसन
कुल मूल्य वृद्धि $2.3 अरब,
वेबसाइट
essellgroup

जीटीवी की स्थापना के साथ ही कई अन्य चैनल भी आरंभ हुए। संभावनाओं के नए द्वारों को खुलते देखकर इन्होंने सिटी केबल कार्यों का आरंभ भी 1995 में कर दिया। 1995 में ही न्यूज कॉर्पोरेशन उपक्रम की स्थापना की। फिर जी न्यूज और जी सिनेमा के नाम से दो नए चैनल भी स्थापित किए। केबल सेवाओं के माध्यम से उनके द्वारा 2000 में सर्वप्रथम इंटरनेट सेवाएं देना आरंभ कर दिया गया था। 2003 में उनके द्वारा डी.टी.एच. (डायरेक्ट टू होम) सेवाएं भी उपभोक्ताओं को देना आरंभ कर दिया गया। कम समय में ही उनके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक को भी टक्कर दी जाने लगी थी।

सुभाषचंद्र का इस कारोबार में परिकथा जैसा उत्थान हुआ, जो 1980-1990 के दशक में धीरूभाई अंबानी के उत्थान की कहानी के समतुल्य ठहरता है। ‘इंडियन क्रिकेट लीग’ इन्होंने आरंभ की और इनकी प्रेरणा पर ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने आई.पी.एल. आरंभ किया, जिसकी कामयाबी की कहानी किसी से नहीं छिपी।

अतः सुभाषचंद्र को मनोरंजन कारोबार का भारतीय युगपुरुष भी कहा जा सकता है।

1990 के दशक में सुभाषचंद्र ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनोरंजन व्यवसाय के महत्व को समझा और इस क्षेत्र में कार्य ही प्रारंभ नहीं किया, बल्कि उसमें उल्लेखनीय कामयाबी भी हासिल की। तब मीडिया के क्षेत्र में अनेक वर्षों पुराने नियंत्रणों की समाप्ति होने पर इन्होंने जीटीवी की समयानुकूल स्थापना की। अल्पकाल में अर्जित इनकी सफलता इस बात का साक्ष्य है कि नई संभावनाओं की आहटों को पहचानकर कार्य करने वाला शीघ्रता से उन्नति कर सकता है। सच्चाई यही है कि कारोबार के किसी भी उपक्रम में जिस किसी ने भी कामयाबी अर्जित की है उसका विशिष्ट कारण यही रहा है कि उसने समय की अनुकूलता परखकर नवीनता को अपनाया और श्रेष्ठ संसाधनों के माध्यम से कारोबार का अग्र संचालन किया।

उस समय तक जिस तरह के कार्यक्रम दूरदर्शन द्वारा प्रसारित किए जाते थे, सामान्य दर्शक उससे कोई ज्यादा प्रभावित नहीं थे। भारतीय दूरदर्शन सभी मोर्चों पर तब विफल था। वह सरकारी योजनाओं के प्रचार का भोंपू भर था। जीटीवी से मनोरंजन के कार्यक्रमों के साथ ही समाचारों में भी एक क्रांतिकारी बदलाव हो गया। इस तरह सुभाषचंद्र ने मीडिया के क्षेत्र में अपना एक विशिष्ट स्थान बना लिया। इसके अलावा अंतरिक्ष में स्थित उपग्रह से संपर्क कायम करके उसे विश्वव्यापी बनाने का भी इन्होंने सफल प्रयास किया।

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Anjali Yadav

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