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धीरूभाई अंबानी का जीवन परिचय- Dhirubhai Ambani Biography in hindi
धीरूभाई अंबानी का जीवन परिचय- कारोबारी उपलब्धियों का जो सफर धीरूभाई अंबानी ने तय किया, वह बेमिसाल है। धीरूभाई अंबानी द्वारा भारत की विशालतम निजी क्षेत्र की कंपनी स्थापित की गई। शेयर बाजार में इन्होंने क्रांति का सूत्रपात किया। इनकी कंपनी ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज’ फोर्ब्स 500 की सूची में आने वाली प्राथमिक भारतीय कंपनी के रूप में सामने आई। इन पर ये आरोप भी लगे कि एक राजनीतिक दल की मदद के कारण ही इन्होंने अभूतपूर्व उन्नति की गई, लेकिन गुजरते समय ने इनकी महानता को सिद्ध कर दिखाया। ये अपने निवेशकों की आशा पर भी सोने जैसे ही खरे उतरे । इनके जीवित रहते ही इनकी कंपनी का कारोबार 65,000 करोड़ तक जा पहुंचा था।
धीरूभाई अंबानी का जीवन परिचय
नाम | धीरजलाल हीरालाल अंबानी |
जन्म | 28 दिसंबर 1932 |
जन्म स्थान | चोरवाड़, गुजरात |
मृत्यृ तिथि | 6 जुलाई 2002 |
मृत्यृ स्थान | मुंबई |
मृत्यृ का कारण | मस्तिष्क आघात |
उम्र | 69 साल |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
स्कूल | बहादुर कांजी हाई स्कूल, जूनागढ़, गुजरात |
कॉलेज | पता नहीं |
शैक्षिक योग्यता | मैट्रिक पास |
व्यवसाय | भारतीय व्यवसाय |
पुरस्कार | वर्ष 1998 में, उन्हें व्हार्टन स्कूल, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय ने “डीन के पदक” से सम्मानित किया।वर्ष 2000 में, उन्हें फिक्की (FICCI) द्वारा “Man of 20th Century” का नाम दिया गया।वर्ष 2016 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। |
पिता का नाम | हरिचंद गोर्धनभाई अंबानी |
माता का नाम | जमनाबेन |
भाई का नाम | रमणिकलाल अंबानी, नटवरलाल |
बहन | त्रिलोचना बेन |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विवाह तिथि | साल 1955 |
पत्नी का नाम | कोकिला बेन अंबानी |
बच्चे | बेटा मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी |
बेटी | नीना, दीप्ती |
संपत्ति | 18 हजार करोड़ |
वे एक परिश्रमी तथा कर्मठ भारतीय उद्यमी रहे। ये महज नवीं कक्षा तक ही पढ़ सके थे, लेकिन आज इन्हें एक ऐसे इंसान के रूप में स्मरण किया जाता है, जिसने न केवल भारतीय कॉर्पोरेट जगत का भाग्य लिखा, बल्कि सही मायनों में एक वैश्विक कॉर्पोरेट समूह भी खड़ा कर सफलता प्राप्त की।
धीरूभाई अंबानी बनाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी का जन्म 28 दिसंबर, 1932 को गुजरात के चोरवाड़ नामक स्थान पर मोदी घराने में हुआ। इनके पिता एक शिक्षक थे। धीरूभाई ने सप्ताहांत में गिरनार पर्वत पर ‘भजिया’ बेचकर अपने उद्यमी जीवन का श्री गणेश किया था। महज 16 वर्ष की आयु में धनोर्पाजन करने के लिए अदन चले गए। वहां इन्होंने गैस स्टेशन के सहायक व तेल कंपनी के लिपिक के रूप में मामूली कार्य किया। 1958 में ये 50,000 रुपये के साथ भारत आए और एक कपड़ा मिल की स्थापना की।
अपने दो पुत्रों मुकेश व अनिल के साथ मिलकर इन्होंने अपनी विशालतम कंपनी स्थापित की। देखते-ही-देखते पेट्रोकेमिकल, संचार माध्यम, सूचना तकनीक, ऊर्जा, खुदरा, टेक्सटाइल, बुनियादी सेवाएं व पूंजी बाजार आदि कई क्षेत्रों में इन्होंने अपना कारोबार फैला दिया।
इन्होंने भारत के शेयर बाजार में आम व्यक्ति को भी निवेश करने का प्रथमतः अवसर प्रदान किया। पहले उस पर वित्तीय संस्थाओं का कब्जा था। इनकी कंपनी के हितों से स्वयं को जोड़ने वाले निवेशक कभी घाटे में नहीं रहे। ये भारतीय पूंजी बाजार में एक ‘इक्विटी कल्ट’ स्थापित कर सके। 1980 के दशक तक यह कंपनी स्टॉक बाजार में सर्वप्रिय निवेश बन चुकी थी।
1992 में रिलायंस ऐसी प्रथम भारतीय कंपनी बनी, जिसने वैश्विक बाजार में धन लगाया। धीरूभाई को फिक्की द्वारा ’20वीं सदी के भारतीय उद्यमी’ का खिताब भी दिया गया। 2000 में ‘दि टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने इन्हें ‘ग्रेटेस्ट क्रिएटर ऑफ वेल्थ इन दि सेंचुरी’ की पदवी प्रदान की।
6 जुलाई, 2002 को धीरूभाई का लगभग 70 वर्ष की उम्र में मस्तिष्क की शिरा फट जाने से मुंबई में देहांत हो गया, लेकिन आज भी वे एक उद्यमी महानायक के रूप में याद किए जाते हैं। वे इस बात का ज्वलंत उदाहरण रहे हैं कि इंसान अपनी लगन व परिश्रम से किसी भी मंजिल को प्राप्त कर सकता है। इनकी धरोहर को इनके योग्य पुत्रों ने दो गुना से भी ज्यादा कर दिया है।
पुरस्कार एवं सम्मान (Dhirubhai Ambani achievements and awards) –
क्र. | पुरस्कार | वर्ष |
1. | द इकोनॉमिक टाइम्स लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार | 10 अगस्त 2001 |
2. | टीएनएस-मोड सर्वे- इंडियाज मोस्ट एडमायर्ड सीईओ | 26 जुलाई 1999 |
3. | कैमटेक फाउंडेशन- मैन ऑफ द सेंचूरी अवार्ड | 8 नवम्बर 2000 |
4. | फिक्की- इंडियन आंत्रप्रेन्याेर ऑफ द 20 सेंचुरी | 24 मार्च 2000 |
5. | द एक्सरर्प्ट फ्रॉम एशिया वीक 1998 | 29 मई 1998 |
6. | द एक्सरर्प्ट फ्रॉम एशिया वीक 2000 | 26 मई 2000 |
7. | द टाइम्स ऑफ इंडिया- क्रियेटर ऑफ द वेल्थ ऑफ द सेंचूरी | 8 जनवरी 2000 |
8. | बिजनेस बॉरो- इंडियन बिजनेसमैन ऑफ द ईयर | 6 दिसम्बर 1999 |
9. | एशिया वीक हॉल ऑफ फेम | 16 अक्टूबर 1998 |
10. | व्हार्टन डीन मॉडल फोर धीरूभाई अंबानी | 15 जून 1998 |
11. | बिजनेस वीक स्टार ऑफ द एशिया | 29 जून 1998 |
12. | बिजनेस इंडिया-बिजनेस मैन आॅफ द ईयर | 31 अक्टूबर 1999 |
धीरूभाई अंबानी के प्रेरक कोट्स (Dhirubhai Ambani quotes) –
- मुझे न शब्द सुनाई ही नहीं देता.
- रिलायंस के विकास की कोई सीमा नहीं है.
- अपना नजरिया बदलते रहिए और यह काम आप तभी कर सकते हैं जब आप सपने देखते हों.
- बड़ा सोचिए, जल्दी सोचिए और आगे की सोचिए.
- सपने हमेशा बड़े होने चाहिए, प्रतिबद्धता हमेशा गहरी होनी चाहिए और प्रयास हमेशा महान होने चाहिए.
- मुश्किल परिस्थितियों का अवसर की तरह देखिए और उसे अपने लाभ के लिए उपयोग कीजिए.
- युवा शक्ति बड़ा परिवर्तन कर सकती है, उन्हें अवसर दीजिए, वे अनंत उर्जा के स्रोत हैं.
- सम्बन्ध और आस्था विकास की नींव होते हैं.
FAQ
Ans- धीरूभाई अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक थे।
Ans-धीरूभाई अंबानी की पत्नी का नाम कोकिला बेन अंबानी है।
Ans- धीरूभाई अंबानी ने 8 मई 1973 में हुई इंडस्ट्रीज की शुरूआत।
Ans- धीरूभाई अंबानी ने 6 जुलाई 2002 में हुई मृत्यृ।
Ans- धीरूभाई अंबानी की संपत्ति 18 हजार करोड़ रूपये है।
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