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Kho Kho Khel Ke Niyam in Hindi | खो खो खेल के नियम
Kho Kho Khel Ke Niyam in Hindi | खो खो खेल के नियम- यह विशुद्ध भारतीय खेल है। यह भी बहुत ही सस्ता खेल है, इसमें कोई खर्चा नहीं होता। यह दो दलों के मध्य खेला जाता है, प्रत्येक दल में 9 खिलाड़ी होते हैं। जो टीम कोर्ट में बैठती है, उसे ‘चेसर’ तथा जिनको छूते हैं, उनको ‘खर’ कहते हैं। खेल की कुल समयावधि 28 मिनट होती है। एक इनिंग्स का समय 14 मिनट है। यह दो इनिंग्स में सम्पन्न होता है। एक बार एक दल ‘खर’ बनता है तथा दूसरी बार दूसरा दल ‘खर’ बनता है। मुख्यत: यह खेल हरियाणा एवं महाराष्ट्र राज्यों में खेला जाता है।
खेल का मैदान– खो-खो के मैदान की माप 34 मी x 16 मी होती है। इसका आकार आयताकार होता है। इसमें दो आयत X तथा Y होते हैं, जिनकी एक भुजा की लम्बाई 16 मी० तथा दूसरी भुजा की लम्बाई 4.8 मी होती है। M तथा N स्थानों पर दो लकड़ी के स्तम्भ गढ़े होते हैं। PO केन्द्र गली है, जिसकी लम्बाई 24.4 मी तथा चौड़ाई 30 सेमी होती है। गली में (G) से 30 सेमी x 30 मी के आठ छोटे-छोटे वर्ग होते।हैं। प्रत्येक वर्ग का केन्द्र साथ वाले वर्ग के केन्द्र से 2.7 मी दूर होगा। छोटे-छोटे वर्गों के दोनों ओर केन्द्र गली से समकोण बनाती हुई 16 मी x30 मी सेमी नाप की आठ क्रॉस गलियाँ डाली जाती हैं। खो-खो के मैदान का चित्र निम्न प्रकार है-
मैच का नियम
- प्रत्येक दल में 8 खिलाड़ी होंगे।
- प्रत्येक पारी में सात-सात मिनट के धावक (Runners) तथा अनुधावक (Chasers) की पारियाँ होती हैं। प्रत्येक मैच दो पारियों का होता है।
- टॉस जीतने के बाद टॉस जीतने वाली टीम का कप्तान इच्छानुसार धावक या अनुधावक चुनेगा। धावक टीम के तीन खिलाड़ी परिधि के अन्दर रहेंगे। इन तीनों के आउट होते ही तुरन्त अगले तीन खिलाड़ी प्रवेश करेंगे। जो इस अवधि में प्रवेश नहीं कर सकेंगे, वे आउट घोषित कर दिये जाएँगे। तीसरे धावक को निकालने वाला सक्रिय अनुधावक नये प्रविष्ट धावक का पीछा करेगा। वह खो देगा। प्रत्येक पक्ष क्रीड़ा-क्षेत्र के केवल एक ओर से अपने धावक प्रविष्ट करेगा। अनुधावक के आठ खिलाड़ी वर्ग में बैठेंगे और एक अनुधावक कार्य करेगा। यह कार्य सात मिनट तक चलेगा। इसके बाद विपक्षी दल दौड़ेगा और पहली टीम अनुधावक का कार्य करेगी। अनुधावक को एक धावक के आउट करने पर एक अंक मिलेगा। खेल समय की समाप्ति तक चलता रहेगा।
- धावक या अनुधावक को निर्धारित समय से पहले ही पारी समाप्त कर सकने की छूट होगी। इसके लिए निर्णेता से अनुरोध करना होगा। अनुरोध पर निर्णेता उचित समझेगा तो पारी समाप्ति की घोषणा कर देगा।
- समस्त धावकों का समय से पहले आउट हो जाने पर उनके विरुद्ध एक ‘लोना’ मिलेगा, वे पुन: अपने धावक भेजेंगे। यह क्रम पारी का समय समाप्त होने तक चलेगा। ‘लोना’ का कोई अंक नहीं होगा।
- अधिक अंक प्राप्त करने वाला दल विजेता होगा। अंक समान होने पर खेल पुनः खेला जाएगा।
- यदि निर्णेता चाहे तो घायल के स्थान पर दूसरा खिलाड़ी लिया जा सकता है।
खेल के नियम
- अनुधावक टीम के आठ खिलाड़ी आठ वर्गों में बैठेंगे तथा नवाँ अनुधावक एक पल (स्तम्भ) के पास खड़ा होगा। अनुधावक के बैठने की स्थिति इस प्रकार होगी कि पास-पास बैठे दो अनुधावकों का मुँह एक ही दिशा में न हो।
- ‘खो’ बैठे हुए अनुधावक के पीछे से देना होगा। ‘खो’ काफी जोर से कहा जायेगा, जिससे धावक सुन सके। ‘खो’ देने वाला अनुधावक ‘खो’ देकर तुरन्त ‘खो’ पाने वाले अनुधावक के स्थान पर बैठ जायेगा।
- ‘खो’ प्राप्त करके अनुधावक अपने वाले वर्ग की क्रॉस गली से पार जाकर अपनी चुनी हुई दशा जिधर उसका मुँह मुड़ा हुआ है, चला जायेगा। वह उस समय तक उसी दशा में चलता जायेगा जब तक कि उसे उससे पूर्व ‘खो’ न दे दी जाए अथवा स्तम्भ के चारों ओर बाहर से घूम जाए।
- जब अनुधावक किसी धावक को नियमानुसार छू लेता है तो धावक आउट हो जाता है।
- यदि धावक के दोनों पाँव परिधि के बाहर हों तो धावक को आउट समझा जायेगा।
- नियम का उल्लंघन करके अनुधावक धावक को छूता है तो धावक को आउट नहीं माना जायेगा।
खो-खो खेल से सम्बन्धित टूर्नामेण्ट
(1) नेशनल खो-खो चैम्पियनशिप।
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