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नंदन नीलेकणि की जीवनी – Nandan Nilekani Biography in Hindi
नंदन नीलेकणि की जीवनी- नंदन निलेकनी इंफोसिस के मुख्य अधिशासी अधिकारी और प्रबंधकीय निदेशक रहे हैं। नारायण मूर्ति के साथ ये भी इंफोसिस के सह-संस्थापक रहे हैं। ये कंपनी के प्राथमिक प्रबंध निदेशकों में शामिल रहे, जब 1981 में कंपनी का आरंभ हुआ।
मार्च, 2002 में मुख्य अधिशासी अधिकारी (सी.ई.ओ.) का उत्तरदायित्व ग्रहण करने से पूर्व इन्होंने कार्यकारी प्रबंधकीय निदेशक, अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पदों का निर्वहन किया जा चुका था।
नंदन एम नीलेकणि | |
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जन्म | 2 जून 1955 बंगलुरु, कर्नाटक, भारत |
व्यवसाय | भारतीय विशिष्ट पहचानपत्र प्राधिकरण (UIDAI) के अध्यक्ष |
वेतन | 203,545 अमेरिकी डॉलर (2007) |
कुल मूल्य | 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर |
नंदन निलेकनी का जन्म बेंगलुरू में हुआ। इनके पिता श्री मोहन निलेकनी मिनर्वा मिल्स में प्रबंधक थे। नंदन की आरंभिक शिक्षा बेंगलुरू में ही संपन्न हुई। चूंकि इनके पिता की नौकरी में स्थानांतरण होते रहते थे, इस कारण 12 वर्ष की उम्र में ये अपने चाचा के पास धारवाड़ आ गए। इससे नंदन को अपने जीवन में आत्मनिर्भरता का पाठ सीखने को मिला। 1973 में 18 वर्ष की उम्र में नंदन निलेकनी आई.आई.टी. मुंबई में रहते हुए शनैः-शनैः एक छोटे शहर के किशोर से विश्वसनीय एवं परिष्कृत व्यक्ति के रूप में ढलते चले गए। यहां रहते हुए नंदन ने महत्वपूर्ण गुणों के रूप में समूह सदस्य के रूप में कार्य करने की योग्यता, कठिन परिश्रम और समाज के उपयोगी सदस्य की योग्यताओं को प्राप्त किया।
1978 में वैद्युतीय में आई. आई. टी. से अभियांत्रिकी की सनद प्राप्त करने के पश्चात् नंदन ने पाटनी कंप्यूटर्स नामक कंपनी में सेवाएं देनी आरंभ की। यहां इन्होंने नारायण मूर्ति के मातहत कार्य किया गया। तीन वर्ष पश्चात् 1981 में नंदन ने नारायण मूर्ति व अन्य पांच सह-संस्थापक सदस्यों के साथ इंफोसिस की स्थापना की। नारायण मूर्ति भारत में रहे और नंदन अमेरिका चले गए, ताकि वहां रहते हुए इंफोसिस की बेहतरी के लिए कार्य कर सकें। उस समय वे कंपनी के विपणन प्रमुख रहे।
1980 से 1990 के दशक में नंदन निलेकनी और उसके समूह के लोगों ने इंफोसिस को स्थापित करने के लिए बहुत परिश्रम किया। आज इंफोसिस की सफलता भारत के उद्योग जगत में एक मिसाल बन चुकी है। एक समय ऐसा आया, जब इंफोसिस के कर्मचारियों की संख्या 58,000 तक पहुंच चुकी थी और उसकी वार्षिक आमद 2 बिलियन डॉलर्स की थी और उसकी पूंजी 21 बिलियन डॉलर्स की थी।
नंदन निलेकनी को कई सम्मान एवं पुरस्कार भी प्राप्त हुए। जनवरी, 2006 में नंदन सर्वाधिक युवा उद्यमी के रूप में विश्व के 20 चुनिंदा व्यक्तियों में शामिल किए गए। प्रतिष्ठित ‘वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम’ के द्वारा ये खिताब दिया गया। 2006 में टाइम पत्रिका के द्वारा इन्हें विश्व के 100 प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया गया। 2006 में ही भारत सरकार के द्वारा इन्हें पद्म भूषण का नागरिक सम्मान प्रदान किया गया।
नारायण मूर्ति ने जब इंफोसिस के सी.ई.ओ. का पदभार त्यागा तो नंदन ही नए सी.ई.ओ. बनाए गए, किंतु बाद के घटनाक्रम में इंफोसिस को भारी क्षति हुई और प्रतिष्ठा भी खंडित हुई। अंततः नारायण मूर्ति को पुनः कमान सौंपी गई।
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