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सबीर भाटिया का जीवन परिचय | Sabeer Bhatia Biography in Hindi

सबीर भाटिया का जीवन परिचय | Sabeer Bhatia Biography in Hindi
सबीर भाटिया का जीवन परिचय | Sabeer Bhatia Biography in Hindi

सबीर भाटिया का जीवन परिचय (Sabeer Bhatia Biography in Hindi)

सबीर भाटिया का जीवन परिचय- संगणक अर्थात् कंप्यूटर की दुनिया अपने आपमें अनुपम ही रही है। मानव श्रम में उल्लेखनीय कमी लाने के अलावा कंप्यूटर ने दुनिया को बेहद करीब भी ला दिया है। भारत में सबीर भाटिया को कंप्यूटर दक्षता के मामले में ‘जादूगर’ की संज्ञा प्रदान की जाती है। इन्होंने ई-मेल वेब को आधार बनाकर ‘हॉटमेल’ की रचना की थी। 1998 में इनकी इस रचना को सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा चकित कर देने वाली कीमत 400 मिलियन डॉलर्स पर खरीदा गया। यह सौदा दोनों के मध्य सनसनी मचा देने वाली बातचीत के पश्चात् किया गया था।

सबीर भाटिया
जन्म 30 दिसम्बर 1968 (आयु 54)
चंडीगढ़ , भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
अल्मा मेटर
  • बिट्स पिलानी
  • कैल्टेक (बी एस)
  • स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (एमएस)
पेशा उद्यमी
के लिए जाना जाता है Hotmail.com
जीवनसाथी
तान्या शर्मा
बच्चे 1

सबीर भाटिया का जन्म 1969 में चंडीगढ़ में हुआ। इनका बाल्यकाल बेंगलुरू में व्यतीत हुआ। सबीर की आरंभिक शिक्षा बिशप कॉटन स्कूल पुणे में हुई और उसके बाद सेंट जोसेफ कॉलेज बेंगलुरू से इन्होंने शिक्षा प्राप्त की तथा स्नातक स्तरीय उपाधि बिड़ला तकनीकी संस्थान, पिलानी से प्राप्त की।

उन्नीस वर्ष की उम्र में ही (1985 में) इन्हें अमेरिका के कैलिफोर्निया तकनीकी संस्थान से छात्रवृत्ति प्राप्त हो गई और ये ‘काल्टेक’ चले गए। बाद में इन्होंने इलेक्ट्रिकल अभियांत्रिकी में स्नातकोत्तर उपाधि स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय से प्राप्त की। स्नातकीय उपाधि के बाद सबीर ने ‘एप्पल’ कंप्यूटर्स में भी बतौर हार्डवेयर इंजीनियर के कुछ समय तक कार्य किया था।

एप्पल के लिए कार्य करते हुए ही सबीर भाटिया ने अपने साथी जैक स्मिथ के साथ मिलकर ‘हॉटमेल’ तैयार करने के विषय में आरंभिक योजना बनाई थी। आगे कैसे क्या हुआ ? वह तो इतिहास बन ही चुका है। सबीर भाटिया ने जब भारत छोड़ा था तो इनकी जेब में कुछ गिने-चुने डॉलर्स ही थे, लेकिन कुछ वर्षों में ही इन्होंने सॉफ्टवेयर इतिहास में कमाई का कीर्तिमान बना दिया।

400 मिलियन में ‘हॉटमेल’ का सौदा करने के पश्चात् सबीर भाटिया ने लगभग एक वर्ष तक माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के लिए कार्य भी किया और फिर नया उद्योग आरजू इनकॉर्पोरेशन आरंभ करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट कंपनी छोड़ दी। ये एक प्रकार की ‘ई-कामर्स’ फर्म थी, जिसने क्रांतिकारी सोच के साथ ऑन लाइन खरीददारी की परिकल्पना को साकार करने का कार्य किया। ‘हॉटमेल’ का करार हो जाने के बाद सबीर भाटिया को सिलिकॉन वैली (बेंगलुरू) का नायक माना जाने लगा और वहां अभी भी इनकी गौरवमयी गाथाएं कही जाती हैं। आज सबीर भाटिया ‘सिलिकॉन वैली’ में एक ऐसा नाम बन चुका है, जिसे भारतीय लोग अपना आदर्श मानते हैं और उसके ही समान तरक्की करना चाहते हैं।

सबीर भाटिया ने आगे बहुउद्देश्यीय ब्राउसर आधारित टूल बार पर भी कार्य किया है, ताकि ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं के कार्य को अधिक सुगम बनाया जा सके। सबीर भाटिया एक अनुकरणीय उदाहरण हैं, जो यह बताते हैं कि लगन, परिश्रम व प्रतिभा का उपयोग प्रत्येक व्यक्ति को सफलता प्रदान कर सकता है।

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Anjali Yadav

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