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आन्तरिक मूल्यांकन (Internal Evaluation) : मूल्यांकन चक्र, लाभ एंव सीमाएँ

आन्तरिक मूल्यांकन (Internal Evaluation) : मूल्यांकन चक्र, लाभ एंव सीमाएँ
आन्तरिक मूल्यांकन (Internal Evaluation) : मूल्यांकन चक्र, लाभ एंव सीमाएँ

आन्तरिक मूल्यांकन (Internal Evaluation)

आन्तरिक मूल्यांकन वास्तविक परियोजना टीम के द्वारा किया जाता है। इस तरह के मूल्यांकन में मूल्यांकनकर्ता विकास की वास्तविक स्थिति को समझ लेता है और यदि किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तो उसे मिलकर दूर किया जाता है। इसके लिए टीम के सदस्यों का आपस में विश्वास तथा सहयोग अत्यन्त आवश्यक है। दूसरे शब्दों में आन्तरिक मूल्यांकन एक प्रकार से छात्रों के विभिन्न प्रकार के आचरण (अधिगम, प्रदर्शन, खेलकूद) करने की प्रक्रिया है।

आन्तरिक मूल्यांकन में छात्रों को कक्षा-कक्ष में आ रही समस्याओं, छात्रों की अधिगम में रुचि, पाठ्यचर्या, अध्ययन सामग्री इत्यादि का भी अवलोकन किया जाता है। इसके साथ ही समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव भी दिए जाते हैं।

आन्तरिक मूल्यांकन मूल्यांकन चक्र (Internal Evaluation – Evaluation Cycle)

आन्तरिक मूल्यांकन की प्रक्रिया को समझने के लिए एक चार्ट का अध्ययन करेंगे जो निम्नवत् हैं-

  1. मूल्यांकन का केन्द्र-बिन्दु (Choose focus of Evaluation)
  2. निर्धारित उद्देश्य / लक्ष्य (Determine Aims)
  3. संकेतों को पता करना एवं न्यूनतम स्तर का निर्धारण (Find Indicators and Determine Minimal level)
  4. अनुभवजन्य उपकरण का निर्माण (Choose or Create Empirical Instruments)
  5. आँकड़ों का एकत्रण (Collect Data)
  6. आँकड़ों का विश्लेषण (Analyze Data)
  7. आँकड़ों के बारे में पृष्ठपोषण प्रदान करना। (Give Feedback About Data)
  8. परिणाम प्राप्त कर उन पर नए सिरे से कार्य करना। (Take Consequences, Introduce Measures)

आन्तरिक मूल्यांकन के लाभ (Benefits of Internal Evaluations)

आन्तरिक मूल्यांकन के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं-

  1. आन्तरिक मूल्यांकन में लागत कम आती है।
  2. आन्तरिक मूल्यांकन में छात्र / संख्या की वास्तविक स्थिति का पता लग जाता है।
  3. आन्तरिक मूल्यांकन में शिक्षक का अनुभव काफी सहायता करता है।
  4. आन्तरिक मूल्यांकन में लोचशीलता अधिक होती है।
  5. आन्तरिक मूल्यांकन में आँकड़ों/ तथ्यों को एकत्र करना सरल होता है।

आन्तरिक मूल्यांकन की सीमाएँ (Limitations of Internal Evaluation)

आन्तरिक मूल्यांकन के जहाँ एक ओर लाभ है, वही दूसरी ओर इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं जो निम्नलिखित हैं-

  1. आन्तरिक मूल्यांकन किस प्रकार से किया जाए बहुत से शिक्षकों को इसका ठीक से ज्ञान नहीं होता है।
  2. आन्तरिक मूल्यांकन में विषयनिष्ठता (Subjectivity) का होना।
  3. आन्तरिक मूल्यांकन में पक्षपात की सम्भावना अधिक रहती है।
  4. आन्तरिक मूल्यांकन के मानदण्डों की लोचशीलता ।
  5. आन्तरिक मूल्यांकन के सदस्यों में वैमनस्य की भावना का होना।

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Anjali Yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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