पारिवारिक विघटन को रोकने के उपाय
परिवार के विघटन को रोकने के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। यदि निम्न बातों पर ध्यान दिया जाए तो पारिवारिक विघटन की प्रवृत्ति को प्रबल होने से रोका जा सकता है-
1. लड़के तथा लड़कियों दोनों को अपना जीवन-साथी चुनने की पर्याप्त स्वतन्त्रता दी जाए। इस दिशा में उन्हें पर्याप्त निर्देशन भी दिया जाए।
2. बालकों के माता-पिता को वर-वधू के चुनाव में विशेष सावधानी रखनी चाहिए। वर-वधू की शिक्षा और रुचियों की ओर ध्यान देना भी आवश्यक है। वास्तव में, लड़के-लड़कियों को अपना जीवन साथी चुनने की स्वतन्त्रता होनी चाहिए।
3. लड़कियों को सहनशीलता और सहिष्णुता की शिक्षा प्रदान की जाए, क्योंकि इन्हें नवीन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
4. परिवार के प्रधान को अपने आचरण पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। उसका व्यवहार उदार, विनम्र तथा सहिष्णुता से “युक्त होना चाहिए। वह परिवार के सदस्यों की मूल आवश्यकताओं की अवहेलना न करे। किसी सदस्य की मूल इच्छाओं का दमन न किया जाए। उसे अपने आपको परिवार का मालिक न मानकर केवल संरक्षक मानना चाहिए।
5. परिवार के विघटन का मूल कारण निर्धनता और बेरोजगारी है। अतः यथासम्भव निर्धनता और बेरोजगारी को समाप्त करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
6. परिवार के सदस्यों में प्रेम तथा निःस्वार्थ भावनाओं का विकास किया जाए।
7. देश में बाल-विवाह को पूर्णतया समाप्त कर दिया जाए तथा इसे माता-पिता के लिए कठोर दण्डनीय अपराध बनाया जाए। बाल-विवाह आगे चलकर प्रायः असफल होते हैं। जब लड़के या लड़कियों का विवाह बड़े होने पर किया जाएगा तो वे अपने उत्तरदायित्व को भी ठीक प्रकार से समझेंगे।
8. प्रत्येक विद्यालय में शिक्षा के माध्यम से विवाह की पवित्रता और उसके महत्व पर भी प्रकाश डाला जाए।
9. इस प्रकार के साहित्य की रचना की जाए, जिसमें परिवार के गुप्त रहस्य, सुख-शान्ति, मनोविज्ञान, काम-सन्तुष्टि के विषय में विस्तार से उल्लेख किया गया हो।
10. यदि संयुक्त परिवार में अधिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाए तो विघटन की स्थिति आने से पूर्व ही संयुक्त परिवार में सद्भावना द्वारा विभाजन करके एकाकी परिवार बना लेना चाहिए।
11. परिवार का आकार अधिक न बढ़े। अतः पति और पत्नी को परिवार नियोजन के साधनों की ओर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। सीमित परिवार अपने सदस्यों की इच्छाओं की पूर्ति सरलता से कर सकता है।
12. परिवार के सदस्यों में जुआ खेलना, मद्यपान करना तथा वेश्यावृत्ति आदि सामाजिक बुराइयों का प्रवेश नहीं होना चाहिए।
उपर्युक्त विवेचन से यह स्पष्ट हो जाता है कि पारिवारिक विघटन का अर्थ परिवार के सदस्यों में आने वाली शिथिलता है अथवा सम्बन्धों का पूरी तरह से टूट जाना है। इस स्थिति को लाने में अनेक कारण प्रोत्साहन देते हैं। इन्हीं से यह आधुनिक समाजों में बढ़ता जा रहा है। समाज की निरन्तरता हेतु पारिवारिक विघटन की रोकथाम करना अनिवार्य है।
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